क्या आप तोरई ( नेनुवा ) की खेती करने के बारे में सोच रहे है तो बहुत ही अच्छा सोच रहे है अगर हम दिल लगा कर कोई भी खेती करते है तो हम सफल हो जायेंगे लेकिन अगर हम खेती में लापरवाही करते है तो हमारी खेती और फसल अच्छा नहीं होगा बहुत सारे किसान खेती करके अच्छा पैसा कमा रहे है
नेनुआ की खेती बिहार ,उतर प्रदेश , केरला , बंगाल में की जाती है नेनुआ की खेती हर किस्म की मिटटी पे की जा सकती है नेनुआ बेल पे लगने वाली सब्जी है
नेनुआ की खेती जनवरी से फ़रवरी महीने में की जाती है और जून से जुलाई महीने में की जाती है
(तरोई) नेनुआ की खेती हलकी और दोमट मिटटी में अच्छी तरह से की जा सकती है
( तरोई ) की खेती आप घर में भी बहुत आराम से कर सकते है घर में नेनुवा के बुवाई के लिए आप पोट में भी इसकी बुवाई कर सकते है और रस्सी के सहारे अच्छा फसल लगा सकते है
( तरोई ) नेनुआ की बहुत सारी किस्मे होती है जैसे पूसा नारदार ,कोयम्बुर 1 ,कोयम्बुर 2 ,राजेंद्र नेनुवा 1 , पूसा चिकनी कल्याणपुर चिकनी ,
तरोई की बीज बनाने वाली बहुत सारी कंपनी है लेकिन मैं आपको सलाह दूंगा की आप अच्छे कंपनी के बीज बोये अच्छे बीज आपको अच्छी पैदावार देगी और उससे अच्छे पैसे कमा सकते है
तोरई की खेती की लिए पहली जुताई मिट्टी पलटने वाले हल से करना अच्छा मन जाता है जुताई गहरी से गहरी करनी चाहिए उसके बाद सड़ी हुई गोबर की खाद, DAP, पोटाश, फोरेट 10 G, ज़िंक, को अच्छी तरह से पुरे खेत में डाले और जुताई करवाए लेकिन एक बात आपको याद रखने की जरुरत है आप बुवाई के समय खेत की नमी पे खास ध्यान दे क्यूंकि मिटटी में कम नमी के वजह से बीज अच्छे से अंकुरित नहीं हो पते है अगर आपके खेत में नमी की कमी है तो पहले सिचाई करे फिर उसकी जुताई कराये
नेनुआ की खेती बिहार ,उतर प्रदेश , केरला , बंगाल में की जाती है नेनुआ की खेती हर किस्म की मिटटी पे की जा सकती है नेनुआ बेल पे लगने वाली सब्जी है
नेनुआ की खेती जनवरी से फ़रवरी महीने में की जाती है और जून से जुलाई महीने में की जाती है
(तरोई) नेनुआ की खेती हलकी और दोमट मिटटी में अच्छी तरह से की जा सकती है
( तरोई ) की खेती आप घर में भी बहुत आराम से कर सकते है घर में नेनुवा के बुवाई के लिए आप पोट में भी इसकी बुवाई कर सकते है और रस्सी के सहारे अच्छा फसल लगा सकते है
( तरोई ) नेनुआ की बहुत सारी किस्मे होती है जैसे पूसा नारदार ,कोयम्बुर 1 ,कोयम्बुर 2 ,राजेंद्र नेनुवा 1 , पूसा चिकनी कल्याणपुर चिकनी ,
तरोई की बीज बनाने वाली बहुत सारी कंपनी है लेकिन मैं आपको सलाह दूंगा की आप अच्छे कंपनी के बीज बोये अच्छे बीज आपको अच्छी पैदावार देगी और उससे अच्छे पैसे कमा सकते है
तोरई के खेती कब करे ?
तोरई की बुवाई जनवरी के महीने से लेकर मार्च के महीने तक करे और जून से जुलाई के महीने में करे वैसे अगर आप जनवरी के लास्ट में करते है तो अच्छा होगा या फरवरी में क्यूंकि इस समय तापमान अच्छा रहता है और बीज अच्छे अंकुरित होते है
तोरोइ की खेती के लिए खेत का चुनाव ?
तोरई की खेती लगभग सभी तरह के मिटटी में उगाया जा सकता है लेकिन अच्छा जल निकास वाला मिटटी अच्छी होती है इसके लिए बलुई दोमट मिटटी अच्छी होती है
खेत की तैयारी ?
तोरई की खेती की लिए पहली जुताई मिट्टी पलटने वाले हल से करना अच्छा मन जाता है जुताई गहरी से गहरी करनी चाहिए उसके बाद सड़ी हुई गोबर की खाद, DAP, पोटाश, फोरेट 10 G, ज़िंक, को अच्छी तरह से पुरे खेत में डाले और जुताई करवाए लेकिन एक बात आपको याद रखने की जरुरत है आप बुवाई के समय खेत की नमी पे खास ध्यान दे क्यूंकि मिटटी में कम नमी के वजह से बीज अच्छे से अंकुरित नहीं हो पते है अगर आपके खेत में नमी की कमी है तो पहले सिचाई करे फिर उसकी जुताई कराये
बुवाई कैसे करे ?
बुवाई के लिए क्यारिया बनाये और क्यारियों में बुवाई करे और जब आपके फसल अच्छे अंकुरित हो जाते है फिर आप सिंचाई पर ध्यान दे और नमी की कमी होती है तो सिंचाई करे और पौधे में अच्छी बढ़वार के लिए PG 50 और मास्क का स्प्रै करे हर 10 दिन पर PG 50 और कोई भी कीटनाशक मिला कर स्प्रै करने से आपके पौधे में अच्छी बढ़वार होगी और हानिकारक कीट से भी बचे रहेंगे तभी आप तोरई की खेती से अच्छा पैसा कमा पाएंगे
अगर आप अच्छी कंपनी का बीज की बुवाई किये है तो उसके फल 40 से 45 दिन में निकलने लगेंगे आप उसको नरम अवस्था में तुड़ाई करवाकर बाजार में बेच दे
मुझे उम्मीद है आप तोरई की खेती के बारे में अच्छे से सिख लिया होगा अगर आपका कोई भी सवाल या सुझाव है तो हमें कमेंट बॉक्स में बताये या अच्छे कंपनी के बीज के लिए आप हमें संपर्क कर सकते है एक बाद हमें सेवा का मौका जरूर दे
husen khad beej bhandar
sankhe bazar mirganj gopalganj bihar
8102640937
taroi (nenua) ki kheti kaise kare - नेनुआ कैसे करे पूरी जानकरी हिंदी
Reviewed by israfil
on
January 28, 2018
Rating:
Nenuwa taroi me fal pila ho kar gir rha hai koi dwa bataye
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